राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन में जुड़ी लाखों स्वयं सहायता समूह की महिलाएं नए बिजनेस कर कर लाखों रुपए कमा रही है आज इस आर्टिकल के माध्यम से हम चप्पल के बिजनेस के बारे में बात करेंगे जिसे शुरुआत करके महिला लाखों रुपए महीने कमा सकती है आईये जानते हैं विस्तार से
अगर आप सभी महिलाएं स्वयं सहायता समूह में जुड़कर नए बिजनेस की शुरुआत करना चाहती है तब आप चप्पल का व्यापार शुरू कर सकती है इस बिजनेस में काफी मुनाफा होने वाला है आईए जानते हैं आर्टिकल के माध्यम से संपूर्ण जानकारी विस्तार से
समूह की महिलाएं चप्पल का व्यापार कैसे शुरू करें
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन में जुड़ी लाखों स्वयं सहायता समूह की महिलाएं अगर चप्पल बनाने का व्यापार शुरू करना चाहते हैं तो उन सभी महिलाओं को चप्पल बनाने का व्यापार शुरू करने के लिए लोन की आवश्यकता होगी जो उन सभी महिलाओं को उनके स्वयमों के माध्यम से दिया जाएगा महिलाओं को ₹20000 लोन देकर महिलाओं कोचप्पल के बिजनेस कराया जाएगा उन्हें चप्पल बनाने के लिए मशीन की आवश्यकता होगी और विभिन्न सामान की आवश्यकता होगी जिसके माध्यम से वह समूह की आसानी से चप्पल बनाकर मार्केट में उपलब्ध करा सकती हैं आई जानते हैं विस्तार से आर्टिकल के माध्यम से चप्पल बनाने में बारे में विस्तार से संपूर्ण जानकारी विस्तार से
समूह की महिलाएं चप्पल कहां बनाएं
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन में जुड़ी लाखों स्वयं सहायता समूह के महिलाओं को प्रत्येक गांव में ग्राम संगठन आठ समूह होते हैं अगर प्रत्येक समूह की महिलाएंचप्पल बनाने का बिजनेस शुरू करते हैं तो इस बिजनेस में उन्हें काफी मुनाफा होगा सम प्रत्येक समूह अलग-अलग बिजनेस की शुरुआत कर सकता हैएक समूह अगर चप्पल का बिजनेस की शुरुआत करता है तो दूसरा कोई और बिजनेस शुरू कर सकता है चप्पल के बिजनेस को शुरू करने के लिए सबसे पहले आप सभी महिलाओं को अपनी जगह की आवश्यकता होगी
आप लोगों को एक रूम भाड़े पर लेना होगा और अपनी एक समूह में 10 सदस्य होती है और 10 सदस्य को मिलाकर एक साथ इस रोजगार को शुरू करना होगा आपकी खाते में सरकार के द्वारा 110000 की धनराशि आती है जिसके लिए अगर आप सभी महिलाएं 6 या 7 लोन उठाकर एक साथ अगर इस चप्पल के व्यापार को ही करें एक साथ जुड़कर तो इसमें आपको काफी मुनाफा होगा और आप जल्दी सफल हो जाएगी अगर आप अलग-अलग बिजनेस कर बिखर जाएंगे तो फिर आप समूह की महिलाएं उसे व्यापार को सही संभाल नहीं पाएंगे अगर एकता में बल है यह सही है इसलिए आप सभी महिलाएं एक साथ मिलकर एक ही बिजनेस पर ध्यान दें और एक ही बिजनेस को लगन से करेंऔर बिजनेस में आगे बढ़े
समूह की महिलाएं चप्पल बनाने की मशीन
अगर आप स्वयं सहायता समूह की महिलाएं चप्पल बनाना चाहती है तो इस मशीन की आवश्यकता होगी जो नीचे कुछ इस प्रकार है
- हैण्ड ऑपरेटेड सोल कटिंग मशीन
- होल मेकिंग मशीन
- फिनिशिंग / ग्राइंडिंग मशीन
- विभिन्न रंगों और साइज़ के लिए डाई कटिंग मशीन
- हैण्ड ओपरेटेड टूल
स्वयं सहायता समूह की महिलाएं चप्पल बनाने की विधि
अगर आप सभी समूह की महिलाएं चप्पल बनाना चाहते हैं तो इसके लिए आप लोगों को सबसे पहले ट्रेनिंग दी जाएगी साथ ही चप्पल बनाने की आसान तरीके के बारे में यहां बताया गया है सबसे पहले मशीन के माध्यम से चप्पल के फीते स्थान को सुराखहो जाते हैं फिर ग्राइंडिंग मशीन की सहायता से स्लिप फ्लोर को चारों तरफ से खोजे भाग को प्लेन कीजिए फिर कटिंग के बाद प्रिंट करने की आवश्यकता होगी जिसे आप प्रिंट कर फिर सूखने के लिए छोड़ दे सूख जाने के बाद ड्रिलिंग मशीन के साथ ऐसे स्थानों को सुराग को बड़ा किया जाता है फिर स्टेप डालने की मशीनके माध्यम से फिरते डाले जाते हैं और फिर स्लीपर तैयार बाजार में बेचने के लिए आगे भेज दिया जाता है
स्वयं सहायता समूह की महिलाएं चप्पल बनाने से लाभ
आप सभी महिलाओं को बता दे की एक चप्पल बनाने में कुल लागत 30 से ₹40 आती है और इस स्लीपर को मार्केट में 90 से ₹100 के दाम पर बेचा जाता है जिसे इसमें दोगुनी कमाई होती है
स्वयं सहायता समूह की महिलाएं चप्पल बनाने के लिए मार्केटिंग कैसे करें
स्वयं सहायता समूह की महिलाएं चप्पल बनाने का मार्केटिंग अपने आसपास के क्षेत्र से शुरू कर सकते हैं मुझे अपने क्षेत्र में जितने भी चप्पल के दुकान वहां अपने चप्पल को दुकान न को दिखाकर उन्हें सप्लाई करना होगा जिससेउनकी आमदनी बढ़ सकती है फिर अपने चप्पल के ब्रांड बनाकर मार्केट में रजिस्ट्रेशन करा कर उपलब्ध कराना होगा जिससे उनकी अगर चप्पल लोगों को पसंद आता है तो मार्केट में वह काफी मुनाफा कमा सकती है
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